आतिफ असलम and Alka Yagnik - Bakhuda Tumhi Ho
हो ओ ओ ओ आ आ आ आ
तू ही एह्सासों में (आ आ आ आ आ)
तू ही जज़बातों में (आ आ आ आ आ)
तू ही लम्हातों में (आ आ आ आ आ)
तू ही दिन रातों में (आ आ आ आ आ)
बाखुदा तुम्ही हो
हर जगह तुम्ही हो
हाँ में देखु जहाँ जब
उस जगह तुम्ही हो
यह जहाँ तुम्ही हो
वो जहाँ तुम्ही हो
इस ज़मीन से फलक के
दर्मियाँन तुम्ही हो
तुम ही हो बेशुबा, तुम ही हो(तुम ही हो)
तुम ही हो मुझमें हाँ, तुम ही हो(तुम ही हो)
तुम ही हो, तुम ही हो
कैसे बताये तुम्हे और किस तरह यह
कितना तुम्हे हम चाहते है
साया भी तेरा दिखे तो पास जाके
उसमें सिमट हम जाते है
रास्ता तुम ही हो
रेहनुमान तुम ही हो
जिसकी ख्वाहिश है हमको
वो पनाह तुम ही हो
तुम ही हो बेशुबा, तुम ही हो (तुम ही हो)
तुम ही हो मुझमें हाँ, तुम ही हो
तू ही एह्सासों में
तू ही जज़बातों में
तू ही लम्हातों में
तू ही दिन रातों में
कैसे बताये तुम्हे
शब् में तुम्हारे
ख्वाब हसीं जो आते है
कैसे बताये तुम्हे
लम्ज़ वो सारे
जिस्म को जो मेहकाते है
इफ्तिदा तुम ही हो
इन्तेहाँ तुम ही तो
तुम हो जीने का मकसद
और वजह तुम ही हो
बखुदा तुम्ही हो
हर जगह तुम्ही हो
हाँ में देखु जहाँ जब
उस जगह तुम्ही हो
यह जहाँ तुम्ही हो
वो जहाँ तुम्ही हो
इस ज़मीन से फलक के
दर्मियाँन तुम्ही हो
तुम ही हो बेशुबा, तुम ही हो
तुम ही हो मुझमें हाँ, तुम ही हो
तुम ही हो, तुम ही हो
Written by:
Sayeed Quadri
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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