Shashwat Singh and Shashaa Tirupati - Sarsariya
ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकट मॅन मेरा भी हो गया
ये हवा
सरसरिया, सरसरिया
क्यू ना लहराके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जौन
खिला खिला सा जो
मेरा ये मॅन है
खिला खिला सा जो
मेरा ये तंन है
जो रंग रंग है
मेरे सपने
तो सब रंग ही
लागे अपने
जो रत्त कोई च्छाई
तो च्छा जाने दे
जो आई अंगड़ाई
तो आ जाने दे
हवायें जो बतायें
वोही मान ले
तू मॅन की सतरंगी है
ये जान ले
ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकट मॅन मेरा भी हो गया
ये हवा
सरसरिया, सरसरिया
क्यू ना लहराके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जौन
लागे के अभी तू
है अंजानी
जगत में जितना
भी है पानी
है प्रेम उतना
मेरे मॅन में
तू ही तो बसी है
मेरे जीवन में
तेरी बानी मेरे मॅन में समाती तो है
तेरी बात मुझे सपने दिखती तो है
तुझे जो देखु बढ़ती ये धड़कन तो है
हुई मीठी मीठी सी मॅन में उलझन तो है
ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकट मॅन मेरा भी हो गया
ये हवा
सरसरिया, सरसरिया
क्यू ना लहराके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जौन
सरसरिया
Written by:
A. R. RAHMAN, JAVED AKHTAR
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
Lyrics powered by Lyric Find