Armaan Malik - Bol Do Na Zara

इतनी मोहब्बत करो ना
मैं डूब ना जाऊं कहीं
वापस किनारे पे आना
मैं भूल ना जाऊं कहीं
देखा जबसे हे चेहरा तेरा
मैं तो हफ़्तों से सोया नहीं

बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं

ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ

मुझे नींद आती नहीं है अकेले
ख्वाबों में आया करो
नहीं चल सकूँगा तुम्हारे बिना मैं
मेरा तुम सहारा बनो
इक तुम्हें चाहने के अलावा
और कुछ हमसे होगा नहीं

बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं

हमारी कमी तुमको महसूस होगी
भींगा देंगी जब बारिशें
मैं भर कर के लाया हूँ
आँखों में अपनी
अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें
रूह से चाहने वाले आशिक
बातें जिस्मों की करते नहीं

बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
बोल दो ना ज़रा
दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ

Written by:
AMAL ISRAR MALLIK, RASHMI SINGH

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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