Asha Bhosle, Geeta Dutt and एस. डी. बर्मन - Kya Ho Phir Jo Din Rangeela Ho
क्या हो फिर जो दिन रंगीला हो
रेत चमके समुंदर नीला हो
और आकाश गीला गीला हो
क्या हो फिर जो दिन रंगीला हो
रेत चमके समुंदर नीला हो
और आकाश गीला गीला हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
अंबर झुका झुका होगा
सागर रुका रुका होगा
तूफ़ान च्छूपा च्छूपा होगा
हा फिर तो बड़ा मज़ा होगा
अंबार झुका झुका होगा
सागर रुका रुका होगा
तूफ़ान च्छूपा च्छूपा होगा
क्या हो फिर चंचल घाटे हो
होतो पे मचलती बाते हो
सावन हो कभी बरसते हो
क्या हो फिर चंचल घाटे हो
होतो पे मचलती बाते हो
सावन हो कभी बरसते हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
कोई भी फिसल रहा होगा
कोई कोई संभाल रहा होगा
कोई कोई मचल रहा होगा
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
कोई भी फिसल रहा होगा
कोई कोई संभाल रहा होगा
कोई कोई मचल रहा होगा
क्या हो फिर जो दुनिया सोती हो
और तरो भारी खामोशी हो
हर आहत पे धड़कन होती हो
क्या हो फिर जो दुनिया सोती हो
और तरो भारी खामोशी हो
हर आहत पे धड़कन होती हो
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
दिल दिल मिला मिला होगा
तन मन खिला खिला होगा
दुश्मन जला जला होगा
आ फिर तो बड़ा मज़ा होगा
दिल दिल मिला मिला होगा
तन मन खिला खिला होगा
दुश्मन जला जला होगा
Written by:
Majrooh Sultanpuri, S D Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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