Noor Jehan - Le Aai Phir Kahan Par

ले आयी फिर कहाँ पर किस्मत हमें कहाँ से
ले आयी फिर कहाँ पर किस्मत हमें कहाँ से
ये तो वो ही जगह है गुज़रे थे हम जहां से
ले आयी फिर कहाँ पर

मजबूर कर रही है फिर गर्दिश ए ज़माना
मजबूर कर रही है फिर गर्दिश ए ज़माना
हम छेड़ दे वही से गुज़रा हुआ फ़साना
लेकिन कोई बता दे भूले है हम कहाँ से
ये तो वो ही जगह है गुज़रे थे हम जहां से
ले आयी फिर कहाँ पर

तेरी ही अंजुमन में ये इंतेज़ार तेरा
तेरी ही अंजुमन में ये इंतेज़ार तेरा
तेरे बगैर साथी जश्न ए बहार तेरा
ये कौन सी अदा है पूछेगे आसमाँ से
ये तो वो ही जगह है गुज़रे थे हम जहां से
ले आयी फिर कहाँ पर

महफ़िल मे आपकी हम कुछ और तो ना लाए
महफ़िल मे आपकी हम कुछ और तो ना लाए
नागमत मे सजाकर जज़्बात लेके आए
याद आएगे बहुत हम जाएगे जब यहा से
ये तो वही जगह है गुज़रे थे हम जहा से
ले आई फिर कहा पर क़िस्मत हमे कहा से
ये तो वही जगह है गुज़रे थे हम जहा से
ले आई फिर कहा पर

Written by:
NASHAUD, SHEWAN RIZVI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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