DJ Aryan Gore and Lata Mangeshkar - Sheesha Ho Ya Dil Ho [Synthwave]
शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से
साग़र छूट जाता है
छूट जाता है
छूट जाता है
शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
हो हो हो हो
काफी बस अरमान नहीं
कुछ मिलना आसान नहीं
दुनिया की मजबूरी है
फिर तक़दीर ज़रूरी है
ये दो दुश्मन हैं ऐसे
दोनों राज़ी हों कैसे
एक को मनाओ तो दूजा
रूठ जाता है
रूठ जाता है
रूठ जाता है
शीशा हो या दिल हो
आख़िर
Written by:
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
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