Gulshan Jhankar Studio, Lata Mangeshkar and Mohammed Rafi - Chhed Mere Humrahi Geet Koi Aisa [Jhankar Beats]
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें
छेड़ मेरे हमराही(छेड़ मेरे हमराही)
मिलके न बिछड़ें ये दिल ये पल ये आँखें
ये दिल ये पल ये आँखें
आके ना जाए ये रुत ये दिन ये रातें
ये रुत ये दिन ये रातें
मौसम बाग़ों में आते जाते रहें
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें
छेड़ मेरे हमराही(छेड़ मेरे हमराही)
पीछे रह जाएँ जीवन की सब सीमाएँ
जीवन की सब सीमाएँ
ऐसी मस्ती में हम बस चलते ही जाएँ
हम बस चलते ही जाएँ
राहों पे क़दम डगमगाते रहें
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें
छेड़ मेरे हमराही(छेड़ मेरे हमराही)
तन इक दीपक है साँस दीपक की बाती
साँस दीपक की बाती
हम दोनों के दिल बनके तारे ओ साथी
बनके तारे ओ साथी
काली रातों में जगमगाते रहें(काली रातों में जगमगाते रहें)
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा(छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा)
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें(उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें)
छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा (छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा)
छेड़ मेरे हमराही (छेड़ मेरे हमराही)
Written by:
ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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