Arijit Singh and यशिता शर्मा - Udanchoo
ओ हो दिन के धागे काट के
लो सूरज का मुँह सी दिया
सी दिया रे सी दिया रे सी दिया
ओ हो रात के तारें खोल के
लो चाँद को गट गट पी लिया
गटगट गटगट पी लिया
शाम और सुबह को चाख के
सपनों से हमने जाग के
लो रोशनी को रिहाँ कर दिया
उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
हाँ उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
उड़ जा रे तू (हे) हो जा रे तू (हे) उड़न छू हो उड़न छू
ओ दरियाँ छोटा पड़ गया रे देखो
प्यास से अपनी डर गया रे देखो
तूफ़ानों से लहरें सोख के
हमने प्याला भर लिया
प्याले में सागर कर लिया
मौजों से किनारे खींच के
लहरों से साहिल छीन के
लो कश्ती को रिहाँ कर दिया
उड़ उड़ उड़ उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
हाँ उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
उड़ जा रे तू (हे) हो जारे तू (हे) उड़न छू (हु ऊ) उड़न छू
ओ सर से छप्पर उड़ गया रे देखो
पैर से ठप्पर लुट गया रे देखो
धरती और पलक को जोड़ के
हमने अपना घर कर लिया
घर में जहाँ को भर लिया
नफ़रत को दिल से निकाल के
हसरत को दिल में उतार के
लो प्यार को रिहाँ कर दिया
उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
हे उड़ उड़ उड़ जा रे बन्दे उड़न छू
उड़ जा रे तू (हे) हो जा रे तू (हे) उड़न छू (हो)
उड़ जा रे तू (हे) हो जा रे तू (हे) उड़न छू
उड़न उड़न उड़न छू
Written by:
AMIT TRIVEDI, KAUSAR MUNIR
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find