Geeta Dutt and सुधा मल्होत्रा - Na Main Dhan Chahun

ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ
ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ
हे राम तर जाऊ

मोह मन मोहे लोभ ललचाये
मोह मन मोहे लोभ ललचाये
कैसे कैसे ये नाग लहराये
कैसे कैसे ये नाग लहराये
इससे पहले की मन उधर जाए
मैं तो मर जाऊं यु तो मर जाऊ
ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ

आ आ आ
लाये क्या थे जो लेके जाना है
लाये क्या थे जो लेके जाना है
नेक दिल ही तेरा खज़ाना है
नेक दिल ही तेरा खज़ाना है
सांझ होते ही पंछी आ जाए
अब तो घर जाऊं अपने घर जाऊं
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ
हे राम तर जाऊ

आ आ आ आ आ आ
थम गया पानी जम गयी काई
थम गया पानी जम गयी काई
बहती नदिया ही साफ़ कहलायी
बहती नदिया ही साफ़ कहलायी
मेरे दिल ने ही जाल फैलाए
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं

Written by:
SHAILENDRA, S D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Geeta Dutt and सुधा मल्होत्रा

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