Lata Mangeshkar and Geeta Dutt - Meri Chhoti Si Bahen
मेरी छोटी सी बहिन
देखो गहने पहन
ससुराल चली रे बन ठन के
हाथों में गजरा अंखियों में कजरा
ज़रा नखरे तो देखो दुल्हन के
मेरा भैया है दीवाना
मेरा भैया है दीवाना
इस की बातों में न आना
झूठी बतियाँ बनाये बन बन के
पगले हैं मन के ये घडी घडी संके
इन के पुर्ज़े हैं
पगले हैं मन के ये घडी घडी संके
इन के पुर्ज़े हैं ढीले बचपन से
ससुराल गयी तो दीदी
हम को भी तुम भूल जाओगी
वहां जीजा की मिठाई
खा खा कुप्पे से पहन फूल जाओगी
मोटी मोटी बहु बन फिर बड़े बड़े रोब दिखाओगी
तेरा भैया भी जो आये तो
उसे भी वहां बाहर बिठाओगे
दरवाज़े पे ही उस को बिठाओगी
न खिलाओगी जो खाना
न खिलाओगी जो खाना तो मैं पेट भरूंगा
चोरी चोरी तोरि बातें सुन सुन के
मेरी छोटी सी बहिन देखो गहने पहन
ससुराल चली रे बन ठन के
भोली देख के मुझे
बोली बोलते क्यूँ अकड़ अकड़ के
बच पाओगे नहीं रे बचु हम से यूं
झगड़ झगड़ के
हम जानते तुम्हे
तुम गोल गोल ढोल हो रबड़ के
ज़रा आने दे भाभी को सीधा करेगी वो
कान पकड़ के तेरे चूहे जैसे कान पकड़ के
पाऊँ पकड़ोगे तुम
पाऊँ पकड़ोगे तुम
नाक रगडोगे तुम गिड़गिड़ाओगे आगे की सेहम के
मेरी छोटी सी बहिन देखो गहने पहन
ससुराल चली रे बन ठन के
पगले हैं मन के ये घडी घडी संके
इन के पुर्ज़े हैं ढीले बचपन से
Written by:
Bharat Vyas, Vasant Desai
Publisher:
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