Lata Mangeshkar and Roop Kumar Rathod - Kitni Jaldi Yeh Mulaqat

कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
प्यास बुझती नहीं
प्यास बुझती नहीं बरसात गुजर जाती है

कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
प्यास बुझती नहीं
प्यास बुझती नहीं बरसात गुजर जाती है

कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है

मैने तुझसे तेरी एक चीज़ छुपा रखी है
मैने तुझसे तेरी एक चीज़ छुपा रखी है
अपने दिल में तेरी तस्वीर लगा रखी है
मेरी तन्हाई तेरे साथ गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है

कुछ दीनो से तो मैं बेचैन बड़ा रहता हूँ
कुछ दीनो से तो मैं बेचैन बड़ा रहता हूँ
उस जगह थाम के दिल पेहरो खड़ा रहता हूँ
जिस जगह से कोई बारात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाक़ात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाक़ात गुजर जाती है

आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

अपनी यादो से कहो इस तरह आया ना करे
अपनी यादो से कहो इस तरह आया ना करे
वक़्त बेवक़्त मुझे आके सताया ना करे
वक़्त बेवक़्त मुझे आके सताया ना करे

नींद भी आती नहीं (नींद भी आती नहीं)
नींद भी आती नहीं रात गुजर जाती है (नींद भी आती नहीं रात गुजर जाती है)

कितनी जल्दी यह मुलाक़ात गुजर जाती है
कितनी जल्दी यह मुलाक़ात गुजर जाती है
प्यास बुझती नहीं
प्यास बुझती नहीं बरसात गुजर जाती है

कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है (आ आ आ)
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है (आ आ आ)
प्यास बुझती नहीं (आ)
प्यास बुझती नहीं बरसात गुजर जाती है (आ आ आ)

कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है (आ आ आ)
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुजर जाती है (आ आ आ)

Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

Publisher:
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Lata Mangeshkar and Roop Kumar Rathod

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