Sunidhi Chauhan and Mohit Chauhan - Pehli Nazar Mein
पहली नजर में डरी थी
दूसरी में भी डर गयी रे
सिसकी में जो सांस भरी थी
हम्म सिसकी में जो सांस भरी थी
इश्क़ से मुझको भर गयी रे
दिखाये वह पिस्तौल किये थे
जिसने टुकड़े मेरे
मर मर के जिया था
सदमो ने डाले थे घेरे
भर गयी उसकी आँखे सुन के
आँखे मिचोली हो गयी रे
हाय thanks बाबू बाबू thanks
Thanks जो बोली हा हा
Thanks जो बोली thanks तो बाबू
को बेकाबू कर गयी रे
आशिक था में पैसो का
असली नकली चेहरो का
खून भरे धब्बो का
भी तो शेहरो का
रंग का नारग का उलटे
सीधे फासलों का
बाबू कहा है तू वह
वह वह ले जा रहा है मुझे
बाबू निकल जा ना तू छोड़ा न
तू मेरे दिल ए फसाना तू
रोड पर लिखना
हमारे प्यार का अफसाना रे
पहली नजर में डरी थी
दूसरी में भी डर गयी रे
ना ना ना ना ना
आ आ आ आ आ (आ)
दुश्मन था मैं अपनों का
दुश्मन का सपनो का
दुश्मन था मै सूरज का
दुश्मन था में खुशियों का
न डर नहीं न घर नहीं
दुःख दर्द का राही था
बाबू कसम है तुमको
दर्द तू ही है मेरा मर्द
तू है जहा वही है मेरा सारा जहां
एक जान है हम एक जान
कसम तुझे है रोड की
कसम रोड से न हट जाना रे
पहली नजर में डरी थी
दूसरी में भी डर गयी रे
सिसकी में जो सांस भरी थी
ओ सिसकी में जो सांस भरी थी
इश्क़ से मुझको भर गयी रे
दिखाये तोह वह पिस्तौल
किये थे जिसने टुकड़े मेरे
मर मर के जिया था सदमे
ने डाले थे घेरे
भर गयी उसकी आँखे
सुन के आँखे मिचोली हो गयी रे
Thanks बाबू thanks
Thanks जो बोली
Thanks जो बोली thanks तो
बाबू को बेकाबू कर गयी रे
Written by:
MAKRAND DESHPANDE, SANDESH SHANDILYA
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
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