Lata Mangeshkar - Ae Malik Tere Bande Hum

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम (आ आ)
ऐसे हों हमारे करम (आ आ)
नेकी पर चलें और बदी से टलें
ताकि हंसते हुए निकले दम (आ आ)
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
आ आ आ आ आ आ
ये अँधेरा घना छा रहा (आ आ)
तेरा इंसान घबरा रहा (आ आ)
हो रहा बेखबर कुछ न आता नज़र
सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रौशनी में जो दम (आ आ)
तू अमावास को कर दे पूनम (आ आ)
नेकी पर चलें और बदी से टलें
ताकि हंसते हुए निकले दम (आ आ)
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
आ आ आ आ आ आ
जब जुल्मों का हो सामना (आ आ)
तब तू ही हमें थामना (आ आ)
वो बुराई करे हम भलाई भरें
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम (आ आ)
और मिटे बैर का ये भरम (आ आ)
नेकी पर चलें और बदी से टलें
ताकि हंसते हुए निकले दम (आ आ)
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम

Written by:
Bharat Vyas, Vasant Desai

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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