Kundan Lal Saigal - Ay Phul Has Ke Jeene Ka Dhang

ए फूल हँस के बाग़ में
कालिया खिलाए जा शबनम की अश्क़
अपने हँसि में छुपाए जा
जीने का ढंग सिखाये जा
कांटो की नोक पर
खड़ा मुस्कुराए जा
जीने का ढंग सिखाये जा
कांटो की नोक पर
खड़ा मुस्कुराए जा
जीने का ढंग सिखाये जा

भंवरे ने तेरे कान में
कुछ गुनगुना दिया
भंवरे ने तेरे कान में
कुछ गुनगुना दिया
यह कह के राजे ज़िन्दगी
तुझको बता दिया
यह कह के राजे ज़िन्दगी
तुझको बता दिया
रोते हुए ज़हन में
तू मुस्कुराए जा
तू मुस्कुराए जा
जीने का ढंग सिखाये जा
कांटो की नोक पर
खड़ा मुस्कुराए जा
जीने का ढंग सिखाये जा

बुलबुल की सदाओं में भी
पैग़ाम यही है
बुलबुल की सदाओं में भी
पैग़ाम यही है
कोयल की भी हर कूक
सुबह शाम यही है
कोयल की भी हर कूक
सुबह शाम यही है
ओ हँसते हुए फूल
तेरे हुस्न के सड़के
ओ हँसते हुए फूल
तेरे हुस्न के सड़के
पतझड़ में क्या करे कोई
इतना बताए जा
इतना बताए जा
जीने का ढंग सिखाये जा
काँटो के नोक पर
खड़ा मुस्कुराए जा
जीने का ढंग सिखाये जा

Written by:
D MODHAK, KHURSID ANWAR

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Raleigh Music Publishing LLC

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Kundan Lal Saigal

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