Kundan Lal Saigal - Dil Se Teri Nigah Jigar Tak Utar Gayi

दिल से तेरी निगाह अअअअअ
जिगर तक उतर गयी
दिल से तेरी निगाह
जिगर तक उतर गयी
दोनों को इक अदा में
रजामंद कर गई
दोनों को इक अदा में
रजामंद कर गई
वो बाड़ा-इ-शबाना की
सरमस्तियाँ कहाँ
उठिये बस अब की लज़्ज़त-इ
ख्वाब-इ-सिहर गयी
उठिये बस अब की लज़्ज़त-इ-
ख्वाब-इ-सिहर गयी
देखो तो दिल फ़रेबी-इ-
अंदाज़-इ-नक़्शो-पा
देखो तो दिल फ़रेबी-इ-
अंदाज़-इ-नक़्शो-पा
मौज-इ-खीराम-इ-यार
भी क्या गुल क़तर गयी
मौज-इ-खीराम-इ-यार
भी क्या गुल क़तर गयी
नज़्ज़ारे ने भी
काम किया
व नक़ाब का
नज़्ज़ारे ने भी काम
किया व नक़ाब का
मस्ती से हर निगाह
तेरे रुख़ पर बिखर गयी
मस्ती से हर निगाह
तेरे रुख़ पर बिखर गयी
मारा ज़माने ने
हे हा हा
मारा ज़माने ने
असदुल्लाह खान तुम्हें हेय
मारा ज़माने ने
असदुल्लाह खान तुम्हें
वो वलवलेह वो
वो वलवलेह कहाँ
वो जवानी किधर गयी
वो वलवलेह कहाँ
वो जवानी किधर गयी

Written by:
Mihir Kiran Bhattacharya

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Kundan Lal Saigal

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