Sonu Nigam and Tauseef Akhtar - Jo Jaam Se Peeta Hoon

महकड़े की गली में जाना छोड़ दिया
जब से देखा शीश का जाम तोड़ दिया का प्रयोग करें
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
उतर जाति है उतर जाती है
उतर जाति है उतर जाती है
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
उतर जाति है उतर जाती है
उतर जाति है उतर जाती है
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
चढ़ जाती है छड जाती है
चढ़ जाती है छड जाती है
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं

मस्तान यार तौबा हस्ती बहार तौबा
वो चुपके युद्ध तौबा नज़रों की मार तौबा
चाय खुमार तौबा आए कर तौबा
दिल जाए हर तौबा हो जाए प्यार तौबा
ना पुच यार मोहब्बत का नशा कैसा
कोई दिन रात ख्यालों में बसा रहता है
बड़ी हसीन इस में श्याम गैर होती है
ना दर्द-ओ-गम ना दुनिया की खबर होती है

ये बेखुदी तो जिंदगी महकाती है
मेहकाती है मेहकाती है मेहकाती है
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
चढ़ जाती है छड जाती है
चढ़ जाती है छड जाती है
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं

जुल्फों की बदलियों में रातों में है नशा
महबूब की अदा में बातों में है नशा
दिल दर ली शराबी आंखें में है नशा
होतों की सुरकियों में सासों में है नशा
गुलाबी नर्म से होतों को चुम के देहको
किसी की मधबारी बाहों में झूम के देखो
दीवाने प्यार का ऐसा सुरूर चायेगा
तुझे ज़मीन पे भी जन्नत का मज़ा आएगा
ये महकाशी तो आशिकी सिकलाठी है
सिकलाठी है सिकलाठी है
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
चढ़ जाती है छड जाती है
चढ़ जाती है छड जाती है
जो जाम से पीता हूं उतर जाती हैं
उतर जाति है उतर जाती है
उतर जाति है उतर जाती है
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं
जो आंख से पिता हूं तो छड जाती हैं

Written by:
SAMEER, NADEEM SAIFI, SHRAVAN RATHOD

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Sonu Nigam and Tauseef Akhtar

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