Anup Jalota - Jo Log Janboojh Ke
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
मेरा ख़याल है के वो इंसान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
हम हश्र में गये मगर कुछ न पूछिये
हम हश्र में गये मगर कुछ न पूछिये
वो जानबूझ कर वहाँ अंजान बन गये
वो जानबूझ कर वहाँ अंजान बन गये
मेरा ख़याल है के वो इंसान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
मझधार तक पहुँचना तो हिम्मत की बात थी
मझधार तक पहुँचना तो हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफ़ान बन गये
साहिल के आस पास ही तूफ़ान बन गये
मेरा ख़याल है के वो इंसान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
इंसानियत की बात तो इतनी है शैख़ जी
इंसानियत की बात तो इतनी है शैख़ जी
बदक़िस्मती से आप भी इंसान बन गये
बदक़िस्मती से आप भी इंसान बन गये
मेरा ख़याल है के वो इंसान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
काँटे बहोत थे दामन-ए-फ़ितरत में ऐ अदम
काँटे बहोत थे दामन-ए-फ़ितरत में ऐ अदम
कुछ फूल और कुछ मेरे अरमान बन गये
कुछ फूल और कुछ मेरे अरमान बन गये
मेरा ख़याल है के वो इंसान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
जो लोग जानबूझ के नादान बन गये
Written by:
ABDUL HAMID ADAM, ANUP JALOTA
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
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