Kundan Lal Saigal - Kar Lijiye Chalkar
कर लीजिये चल कर
मेरी जन्नत के नज़ारे
जन्नत ये बनाई है
मोहब्बत के सहारे
फूलो से लिया
रंग सितारो से उजाला
हर चीज़ को एक नूर के
एक सांचे में है डाला
इस ख्वाब की बस्ती का
फलक है न जमी है
इस हुस्न की दुनिया की
हर एक चीज़ हसि है
रोशन है फ़िज़ा और
नहीं चाँद सितारे
जन्नत ये बनाई है
मोहब्बत के सहारे
गाती है ख़ुशी नग्मे
तो हस्ता है वह ग़म
कलियों की हसि देख के
रोटी नहीं सबनम
फ़ितरत की राबा पर
कही मस्ती का फ़साना
छेड़ा है ख़ामोशी ने भी
कुरकैफ़ टारना
कुछ सोये तो कुछ जगे हुए
मस्त नज़ारे
जन्नत ये बनाई है
मोहब्बत के सहारे
अतःखेलिया करती हुई
चलती है हवाये
नगमों की है बरसात तो
ज़ुल्फो की घटाये
रंगीन हुई और भी
जन्नत की कहानी
वो देखिये वो देखिये
झूले पे रूही की जवानी
बेताब किये देते मासूम इशारे
मासूम इशारे
Written by:
MAJROOH SULTANPURI, S D BURMAN
Publisher:
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