Kundan Lal Saigal - Kaun Bujhave Ram Tapas More
कौन बुझावे
कौन बुझावे हो राम
कौन बुझावे
कौन बुझावे राम हो
रमा कौन बुझावे
तपत मोरे मन्न की हो राम
तपत मोरे मन्न की राम
तपत मोरे मन्न की राम
रमा हो कौन बुझावे
हे लगी
लगी लगी आग लगन की
हाय राम लगी
अरे लगी
लगी आग लगन की
हाय राम रमा ो राम
कौन बुझावे
कौन बुझावे
तपत मोरे मन्न की राम
तपत मोरे मन्न की राम
रमा हो कौन बुझावे
प्रीतम गायो विदेश अजी
कहो कैसे कहूँ
मनन की बतिया
बिरहा अगन फूंक्यो
मन्न मोरा
अब कौन करे
शीतल खाशिया
रमा कौन बुझावे
अरे बुझावे
तपत मोरे मन्न की
रमा हो रमा हो
कौन बुझावे
बुझावे हो रामा
कौन बुझावे
Written by:
Kundan Lal Saigal
Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)
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