Kumar Sanu - Kitna Sukun Kitna Aaram
कितना सुकून कितना आराम है
कितना सुकून कितना आराम है
पास मैं तुम हो और हाथो मैं जाम है
शायद मेरी ज़िंदगी की हसी ये शाम है
कितना सुकून कितना आराम है
पास मैं तुम हो और हाथो मैं जाम है
शायद मेरी ज़िंदगी की हसी ये शाम है
कितना सुकून कितना आराम है
कह रहा है यह दिल बेखुदी मे सनम
और क्या चाहिए ज़िंदगी में सनम
कह रहा है यह दिल बेखुदी मे सनम
और क्या चाहिए ज़िंदगी में सनम
आशिकी का नशा ऐसे जाता नही
तुमको देखे बिना चैन आता नही
कैसे ज़िंदा रहु
इन होतों पे सिर्फ़ तुम्हारा नाम है
पास मैं तुम हो और हाथो मैं जाम है
शायद मेरी ज़िंदगी की हसी ये शाम है
कितना सुकून कितना आराम है
दिलरुबा है किया मेने ये फ़ैसला
अब तो जीना नही है तुम्हारे सिवा
दिलरुबा है किया मेने ये फ़ैसला
अब तो जीना नही है तुम्हारे सिवा
थोड़ा पागल हूँ मे थोड़ा दीवाना हूँ
बस तुम्हारा रहू मे सब से बेगाना हूँ
और क्या मे कहु
इश्क़ तेरा मेरी चाहत का एनम है
पास मैं तुम हो और हाथो मैं जाम है
शायद मेरी ज़िंदगी की हसी ये शाम है
कितना सुकून कितना आराम है
पास मैं तुम हो और हाथो मैं जाम है
शायद मेरी ज़िंदगी की हसी ये शाम है
Written by:
SAMEER, NADEEM SAIFI, SHRAVAN RATHOD
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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