Anup Jalota - Mat Kar Tu Abhiman Re Bande
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
तेरे जैसे लाखो आये लाखो इस माटी ने खाये
तेरे जैसे लाखो आये लाखो इस माटी ने खाये
रहा न नाम निशान ओ बन्दे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
झूठी माया झूठी काया वो तेरा जो हरिगुण गाया
झूठी माया झूठी काया वो तेरा जो हरिगुण गाया
जब ले हरी का नाम ओ बन्दे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
माया का अन्धकार निराला बाहर उज्जला भीतर काला
माया का अन्धकार निराला बाहर उज्जला भीतर काला
इसको तु पेहचान रे बन्दे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
तेर पास हैं हिरे मोती मेरे मन मंदिर में ज्योति
तेर पास हैं हिरे मोती मेरे मन मंदिर में ज्योति
कौन हुवा धनवान रे बन्दे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान रे बन्दे झूठी तेरी शान रे मत कर तू अभिमान
मत कर तू अभिमान, मत कर तू अभिमान
Written by:
ANUP JALOTA, DP
Publisher:
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