Noor Jehan - Raat Phaili Hai Tere
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
चाँद निकला जाई तुझे
ढूँदने पागल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
चाँद निकला जाई तुझे
ढूँदने पागल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
रात पहली है तेरे
खुश्क पट्टू की तरह
लोग उर्रे जाते हैं
खुश्क पट्टू की तरह
लोग उर्रे जाते हैं
शहर भी अब तो नज़र आता हे जंगल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
रात पहली है तेरे
फिर ख्यलु मैं तेरे
क़ुर्ब की खुश्बू जागी
फिर ख्यलु मैं तेरे
क़ुर्ब की खुश्बू जागी आखे मेरी
बदल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
रात पहली है
बेवफाओं से वफ़ा कर के
गुज़ारी है हयात
बेवफाओं से वफ़ा कर के
गुज़ारी है हयात
मैं बरसता रहा वीराणु पह बादल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
चाँद निकला जाई तुझे
ढूँदने पागल की तरह
रात पहली है तेरे
सूरमाई आँचल की तरह
रात पहली है
Written by:
KALEEM USMANI, UST. NAZAR HUSSAIN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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