Bhupen Hazarika and KK - Aise Koi Jata Hain

ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहो को मोडके
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहो को मोडके

खामोशिया पूछती है
तन्हैया छेड़ती है
क्यों गुमसूँ है अकेले
हम जीना छ्चोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के

दिल को यकीन यह
आता नही हैं
लौट के तुम नही आओगे
यूही सताने को
तुम च्छूप गये हो
लगता हैं पल भर
में आ जाओगे
तुम ही कहो कैसे भुलाए
आँखें यह डब दबाए
खो गये कहा तुम
हर बंधन तोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के

चेहरा चेहरा लहराने लगे
आँखो में कभी दूर से
जो रातो में बुलाए
हम आवाज़े तेरी
तुम ही नज़र
आए जिधर गये
तेरे बिना बिखर गये
टूटे है बना दो
तुम हुमको जोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
खामोशिया पूछती है
तन्हैया च्छेदती है
क्यों गुमसूँ है अकेले
हम जीना छ्चोड़ के

Written by:
BHUPEN HAZARIKA, PRASOON JOSHI

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Bhupen Hazarika and KK

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