Lata Mangeshkar - Jane Kya Hai Jee Darta Hai
जाने क्या हैं जी डरता हैं
रो देने को जी करता हैं
अपने आप से दर लगता हैं
दर लगता हैं क्या होगा
जाने क्या हैं जी डरता हैं
रो देने को जी करता हैं
अपने आप से दर लगता हैं
दर लगता हैं क्या होगा
साँस हमारी साँस नहीं
माँगे माँगे लगती हैं
प्यास लगे तो प्यास हमारी
आधी आधी लगती हैं
जान हमारी और किसी से
बनती हुई लगती हैं
अपने आप से दर लगता हैं
दर लगता हैं क्या होगा
पौले पौले नाखूनओ से
अंदर अंदर च्चिले
सटानी से चुटकी कटे
अंग भी पद गये नीले
पौले पौले नाखूनओ से
अंदर अंदर च्चिले
सटानी से चुटकी कटे
अंग भी पद गये नीले
बैरी मेरा सांगी मेरा
मेरी भूख और प्यास
लहू मेरा माश है मेरा
मेरा हद और माश
जीवन देके पल रही हूँ
पल रही हूँ जीवन मैं
अपने आप से दर लगता हैं
दर लगता हैं क्या होगा
जाने क्या हैं जी डरता हैं
रो देने को जी करता हैं
अपने आप से दर लगता हैं
दर लगता हैं क्या होगा
क्या होगा क्या होगा.
Written by:
Dr Bhupen Hazarika, Gulzar
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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