Lata Mangeshkar and Sachin Gupta - Ab Ke Sajan Sawan Mein [Lofi Chill]
अब के सजन सावन में
अब के सजन सावन में
आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें
हाय दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं पिया प्रेम की पुकारें
चोरी चुपके से तुम लाख करो जतन
लाख करो जतन सजन
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
लाला ला ला ला ला लाला ला ला ला ला
इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोंका
इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोंका
किस तरह हम देंगे भला दुनिया को धोका
रात भर जगाएगी ये मस्त मस्त पवन
मस्त मस्त पवनसजन
मिल न सकेंगे दो मन एक कि आँगन में
ईश
अब के सजन सावन में
Written by:
ANANDSHI BAKSHI, S D Burman, ANAND BAKSHI, NAYAN MONI BURMAN, S.D. BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find