Lata Mangeshkar and एस. डी. बर्मन - Sun Ri Pawan Pawan Purvaiya
सुन री पवन
सुन री पवन पवन पुरवैया
मै हूँ अकेली अलबेली
तू सहेली मेरी बन जा साथिया
सुन री पवन पवन पुरवैया
मै हूँ अकेली अलबेली
तू सहेली मेरी बन जा साथिया
चल तू मेरा आँचल थामके
अनजाने रास्ते इस गांव के
चल तू मेरा आँचल थामके
अनजाने रास्ते इस गांव के
साथी हैं यह मेरे नाम के
नैंन यह निगोड़े किस काम के
डोले मेरा मैं ऐसे जैसे नैया
मै हूँ अकेली अलबेली
तू सहेली मेरी बन जा साथिया
कोई तोह हो ऐसा पूछे
बात जो गिरु तोह पकड़ लेवे हाथ जो
कोई तोह हो ऐसा पूछे
बात जो गिरु तोह पकड़ लेवे हाथ जो
हसे रोये सदा मेरे साथ
जो सोये जगे संग दिन रात जो
ऐसे हो मिलान जैसे धुप छैया
मै हूँ अकेली अलबेली
तू सहेली मेरी तू बन जा साथिया
सुन री पवन सुन री
पवन पवन पुरवैया
मै हूँ अकेली अलबेली
तू सहेली मेरी तू बन जा साथिया
Written by:
Anad Bakshi, S D Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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