Jagjit Singh and Sachin Gupta - Hazaron Khwahishen Aisi [Lofi]

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

खुदा के वास्ते परदा ना काबे से उठा ज़ालिम
खुदा के वास्ते परदा ना काबे से उठा ज़ालिम
कहीं ऐसा ना हो यान भी वही काफ़िर सनम निकले
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

Written by:
Ghalib Mirza (Traditional), Jagjit Singh

Publisher:
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Jagjit Singh and Sachin Gupta

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