Lata Mangeshkar, Kishore Kumar and Mohammed Rafi - Chal Kahin Door Nikal Jayen
क्या मौसम है, आए दीवाने दिल
अर्रे चल कहीं डोर निकल जायें
चल कहीं डोर निकल जायें
कोई हुंदम है, चाहत के काबिल
तो किस लिए हम संभाल जायें
चल कहीं डोर निकल जायें
झूम के जब जब कभी दो दिल गाते हैं
चार कदम चलते हैं फिर खो जाते हैं
ऐसा है तो खो जाने दो मुझको भी आज
यह क्या कम है दो पल को राही
अर्रे मिल जायें बहाल जायें
चल कहीं डोर निकल जायें
यह मस्तियाँ, यह बहार
दिल हो चला बेकरार
मैं गिरता हूँ मुझे थाम लो
भीगे लबों से मेरा नाम लो
दुनिया को अब दो नज़र क्यों आयें हम
इतने करीब आओ के एक हो जायें हम
के एक हो जायें हम
के एक हो जायें हम
के एक हो जायें
खोए से हम, खोई सी मंज़िल
अच्च्छा है संभाल जायें
चल कहीं डोर निकल जायें
अच्च्छा है संभाल जायें
चल कहीं डोर निकल जायें
अच्च्छा है संभाल जायें
Written by:
Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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