Lata Mangeshkar, Manhar Udhas and The Keychangers - Loote Koi Man Ka Nagar [Lofi]

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

कौन है वो, अपनों से कभी, ऐसा कहीं होता है
ये तो बड़ा धोखा है
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
कौन है वो, अपनों में कभी, ऐसा कहीं होता है
ये तो बड़ा धोखा है

यहीं पे कहीं है, मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बइयाँ दूँ मरोड़
यहीं पे कहीं है, मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बइयाँ दूँ मरोड़

जाने दो, जैसे तुम प्यारे हो,
वो भी मुझे प्यारा है, जीने का सहारा है

देखो जी तुम्हारी यही बतियाँ मुझको हैं तड़पातीं
लूटे कोई मन का नगर
हो हो हो

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी (लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी)

रोग मेरे जी का, मेरे दिल का चैन
साँवला सा मुखड़ा, उसपे कारे नैन
ऐसे को, रोके अब कौन भला,
दिल से जो प्यारी है, सजनी हमारी है

का करूँ मैं बिन उसके रह भी नहीं पाती
लूटे कोई मन का नगर
हो हो हो

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी (लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी)
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी (लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी)

Written by:
Majrooh Sultanpuri, S D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar, Manhar Udhas and The Keychangers

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