Mohammed Rafi and Tarun Makhijani - Likhe Jo Khat Tujhe [Vol.4]

लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

कोई नग़मा कही गूँजा कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई मैं ये समझा तू शरमाई
कोई खुशबू कहीं बिखरी लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

फ़िज़ा रंगीं अदा रंगीं ये इठलाना ये शरमाना
ये अंगड़ाई ये तनहाई ये तरसाकर चले जाना
बना देगा नहीं किस को जवाँ जादू ये दीवाना
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे

Written by:
Neeraj, Shankar-Jaikishan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Mohammed Rafi and Tarun Makhijani

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