Shabbir Kumar - Govinda Govinda

गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा

गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
बड़ा मुस्कुराये गोविंदा अरे गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा

गोपियों को यह छेड़े (छेड़े)
गोविंदा मटकी फोड़े (फोड़े)
कभी करे जोरा जोरि (होय )
कभी करे माखन चोरी
फिर भी लगता हैं प्यारा गोविंदा
फिर भी लगता हैं प्यारा गोविंदा
कोई जो सर उठाये होय उसे नीचा दिखाये
होय कोई जो सर झुकाए होय उसे सर पे बिठाये
अरे रक्षक हैं सबका गोविन्दा
हा हा रक्षक हैं सबका गोविन्दा
सच्चाई जहा हैं गोविन्दा वहा हैं
सच्चाई जहा हैं गोविन्दा वहा हैं
इनसाफ़ करता हैं गोविंदा अरे गोविन्दा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
बड़ा मुस्कुराये गोविंदा अरे गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा

आई तुजा आशीर्वाद ओ माँ तेरा आशीर्वाद क्यों जाऊ काशी क्यों जाऊ काबा
माँ हैं मेरे पास
माँ की आँखों का तारा सारी बस्ती का प्यारा
अपना सुख चैन सारा
माँ के क़दमों में वारा
साथ जिस्के हो ममता की धारा
उसको दुनिया में
फिर किसने मारा
आँसू कर दू नगिना बहाके मैं पसीना
दर्द दे मंदो के लिए
चाहता हूँ मैं जीना
मुश्किलों से ना हारा गोबिंदा
मुश्किलों से ना हारा गोबिंदा
दुष्टों को काटे भक्तों में बांटे
दुष्टों को काटे भक्तों में बांटे
अरे रक्षक हैं सबका
गोविन्दा अरे गोविन्दा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
अमीरों से लेकर गरीबों को देकर
बड़ा मुस्कुराये गोविंदा अरे गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा

गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा

Written by:
ANU MALIK, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Shabbir Kumar

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