Abhijeet and Poornima - San Sananan

सं सनं साय साय
सं सनं साय साय

सं सनं साय साय सं सनं साय साय
हो रही थी रेत में
सं सनं साय साय
सं सनं साय साय
हो रही थी रेत में
हम दोनों बैठ गए
गेंहू के खेत में

सं सनं साय साय
सं सनं साय साय
हो रही थी गाँव में
सं सनं साय साय
सं सनं साय साय
हो रही थी गाँव में
तक धिना धिन करने लगे
पीपल की छाव में

सं सनानां साय
सनं साय साय
हो रही थी रेत में
सं सनं साय साय
हो रही थी गाँव में

बनके कमान कमर लचके

दिवाने यार ज़रा बचके
ऐसे ना मार गोरी झटके
मेरी अदा बड़ी हट के
बनके कमान कमर लचके
दिवाने यार ज़रा बचके
ऐसे ना मार गोरी झटके
मेरी अदा बड़ी हट के
कोई नशा है तेरी चाल में
बुलबुल फसी प्रेमी के जाल में

सं सनं साय साय
सं सनं साय साय
हो रही थी बाग़ में
सं सनानां साय साय
सं सनानां साय साय
हो रही थी बाग़ में

हम दोनों जलने लगे
चाहत की आग में
सं सनानां साय
सं सनानां साय साय
हो रही थी रेत में
सं सनानां साय साय
हो रही थी गाँव में

सं सनानां साय
सं सनानां साय
रानी कमाल तेरा कगना
हर वक़्त कर ऐसे तंग ना
देखा कही ऐसा रंग ना
आउंगी मै तेरे संग ना
रानी कमाल तेरा कगना
हर वक़्त कर ऐसे तंग ना
देखा कही ऐसा रंग ना
आउंगी मै तेरे संग ना
रास्ता गली चौबारा घूम ले
आके मेरे गालों को चूम ले
सं सनानां साय साय
सं सनानां साय साय
हो रही थी बस में
सं सनानां साय साय
सं सनानां साय साय
हो रही थी बस में
जादू सा जाग उठा
मेरी नस नस में
सं सनानां साय
सं सनानां साय
हो रही थी रेट में
सं सनानां सा
हो रही थी गाँव में
सं सनानां साय
सं सनानां साय

Written by:
ANAND CHITRAGUPT, MILIND CHITRAGUPT, N/A SAMEER

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network

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Abhijeet and Poornima

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