मुबारक बेगम and Talat Mahmood - Zara Kah Do Fizaon Se
ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से
हमें इतना सताए ना
तुम्ही कह दो हवाओं से
तुम्हारी याद लाए ना
ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से
हमें इतना सताए ना
तुम्ही कह दो हवावों से
तुम्हारी याद लाए ना
ज़रा कह दो
मोहब्बत क्या हुई तुमसे
परेशां हो गये हम तो
जहा ये ज़ुल्फ़ लहराई
वही पे खो गये हम तो
यू ही जलते है उलफत में
कोई ज़्यादा जलाए ना
ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से
हमे इतना सताए ना
ज़रा कह दो
कहेंगे क्या ज़माने को
ज़रा समझाइये हमको
कसम से कह रहे है अब
नही तड़पाइए हमको
यूही बेचैन रहते है
कोई ज़्यादा सताए ना
ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से
हमे इतना सताए ना
तुम्ही कह दो हवावों से
तुम्हारी याद लाए ना
ज़रा कह दो
Written by:
Balkavi Bairagi, Roy-Frank
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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