Shilpa Rao - Parindey
ओढ़े हुए वो चादर में दो परिंदे है सोने भी दो
आसमा भी ना रहा उनका छुपके तो मिलने भी दो
ओढ़े तिनके सारे जुडने भी दो ज़रा एक दफा
वो चादर में दो परिंदे है सोने भी दो
आसमा भी ना रहा उनका छुपके तो मिलने भी दो
किया ना गुनाह तो क्यूँ सोचना कहा लें भला हम पनाह
किया ना गुनाह तो क्यूँ सोचना कहा लें भला हम पनाह
आए परों पें जख्म बेवजह उनको तो भरने भी दो
ओढ़े हुए वो चादर में दो परिंदे है सोने भी दो
आसमा भी ना रहा उनका छुपके तो मिलने भी दो
उडे तिनके सारे जुडने भी दो ज़रा एक दफा
वो चादर में दो परिंदे है सोने भी दो
आसमा भी ना रहा उनका छुपके तो मिलने भी दो
Written by:
Rahul Yadav, Sanchari Bose
Publisher:
Lyrics © Peermusic Publishing
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