Lata Mangeshkar, Mahendra Kapoor, Kalyanji Anandji and Manhar Udhas - Purva Suhani Aai Re
कही ना ऐसी सुबह देखि
आ आ आ आ
जैसे बालक की मुस्कान
या फिर दूर कही नींद मे
आ आ आ आ
हल्की सी मुरली की तान
गुरुबानी गुरुद्वारे मे
तो मस्जिद से उठती अदा
आत्मा और परमात्मा
मिले जहा यही है वो स्थान
ढोली ढोल बजाना
ताल से ताल मिलाना
ढोली ढोला ढोली ढोला
ढोली ढोल बजाना
ता ता थैया तक तक थैया
ताल से ताल मिलाना
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
ऋतुओं की रानी आई रे पुरवा
मेरे रुके नहीं पांव
नाच उठा सारा गॉंव
प्रीत पे जवानी छाई रे पुरवा
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
मौसम का मुसाफिर खड़ा रस्ते में
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
हो ओ मौसम का मुसाफिर खड़ा रस्ते में
उसके हाथों सब कुछ लुटा सस्ते में
छोटी सी उमरिया है
लंबी सी डगरिया रे
जीवन है परछाई रे पुरवा
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
हो ढोली ढोल बजाना बजाना
हो ताल से ताल मिलाना मिलाना
कर ले कर भी ले प्यार की पूजा
ना ना ना ना ना ना ना ना
कर ले कर भी ले प्यार की पूजा
प्यार के रंग पे चढ़े न रंग दूजा
चाहे कोई सपना है
मेरे लिए अपना है
बात मेरी बन आई रे
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
हो मीरा सी दीवानी रे नाचे मस्तानी
मीरा सी दीवानी रे नाचे मस्तानी
होंठों पे हैं सरगम तो आँखों में पानी
घुँघरू दीवाने हुए
रिश्ते पुराने हुए
गीत में कहानी गाई रे पुरवा
पुरवा सुहानी आई रे पुरवा
हो ढोली ढोल बजाना बजाना
हो ताल से ताल मिलाना मिलाना
ढोली ढोल बजाना (हो ओ )
ताल से ताल मिलाना (हो ओ )
ढोली ढोल बजाना (हो ओ )
ताल से ताल मिलाना (हो ओ )
हो ओ हो ओ हो ओ हो ओ
Written by:
ANAND SANTOSH, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH
Publisher:
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