Geeta Dutt - Ae Watan Ke Naujawan Jaag
हर जूबा रुकी रुकी हर नज़र झुकी झुकी
क्या यही है ज़िंदगी
क्या यही है ज़िंदगी
आए वतन के नोजवा जाग ओर जगा के चल
आए वतन के नोजवा जाग ओर जगा के चल
जाग ओर जगा के चल
ज़ुल्म जिस कदर बढ़े ओर सर उठा के चल
ओर सर उठा के चल
साफ है तेरी नज़र उनके दिल मे चोर है
उनमे बाल है तेरी भी बाजुओ मे ज़ोर है
साफ है तेरी नज़र उनके दिल मे चोर है
उनमे बाल है तेरी भी बाजुओ मे ज़ोर है
जालिमो को हर गरूर आँख मिला के चल
आए वतन के नोजवा जाग ओर जगा के चल
जाग ओर जगा के चल
ज़ुल्म जिस कदर बढ़े ओर सर उठा के चल
ओर सर उठा के चल
क्या समुन्द्रो का शोर ओर भवर की चाल क्या
तेरे आगे सर उठाए मौज की मज़ाल क्या
क्या समुन्द्रो का शोर ओर भवर की चाल क्या
तेरे आगे सर उठाए मौज की मज़ाल क्या
खोल जिंदगी की नवा बागबा उड़ा के चल
आए वतन के नोजवा जाग ओर जगा के चल
जाग ओर जगा के चल
ज़ुल्म जिस कदर बढ़े ओर सर उठा के चल
ओर सर उठा के चल
कारवां वतन का आज डाकुओ मे घिर गया
जुर्म के अंधेरे मे आ रही है एक सदा
कारवां वतन का आज डाकुओ मे घिर गया
जुर्म के अंधेरे मे आ रही है एक सदा
इंतकाम की मसल हाथ मे जला के चल
इंतकाम इंतकाम इंतकाम
Written by:
Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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