Asha Bhosle and एस. डी. बर्मन - Chahe Kitna Mujhe Tum Bulao Ji
चाहे कितना मुझे तुम बुलाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
चाहे कितना मुझे तुम बुलाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
तुम हो परदेसी क्या जाने किस दिन
छोड़ जाओ मुझे तुम अकेले
जिस का अंजाम हो आहे भरना
हम ना बुज़ेनगे ऐसी पहेली
दिल का दरवाजा ना खटखटाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
चाहे कितना मुझे तुम बुलाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
तुम ने मेरी नज़र में समा के
तुम ने मेरी नज़र में समा के
मेरी रातों की निंदिया चुरा ली
देखते देखते आरज़ुने
एक बस्ती अनोखी बसा ली
मेरी दुनिया पे ऐसे मैं छाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
चाहे कितना मुझे तुम बुलाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
मैं हूँ अल्हड़ सजन मैं ना जानू
मैं हूँ अल्हड़ सजन मैं ना जानू
ये लगा निभाने की रस्मे
क्या खाब कैसे कैसे चुप के चुप के
कर लिया तुमने दिल अपने बस्में
धड़कानो को यूँ ना गुद गुदाव जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी, ओ चाहे कितना
चाहे कितना मुझे तुम बुलाओ जी
नही बोलूँगी, नही बोलूँगी
Written by:
S D Burman, Sahir Ludhianvi
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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