Mondal Jii - Tum Prem Ho [Reprise]

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो
मेरी बांसुरी का गीत हो
तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो
मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो
तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो
मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो
तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो
मेरी बांसुरी का गीत हो

परमात्मा का स्पर्श हो..राधे
परमात्मा का स्पर्श हो
पुलकित ह्रदय का हर्ष हो
परमात्मा का स्पर्श हो
पुलकित ह्रदय का हर्ष हो
तुम हो समर्पण का शिखर
तुम हो समर्पण का शिखर
तुम ही मेरा उत्कर्ष हो
तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो
मेरी भावना की तुम, राधे जीत हो
तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो
मेरी बांसुरी का गीत हो

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ..राधे
हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ
तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ
हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ
तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ
मुझमें धड़कती हो तुम्ही
मुझमें धड़कती हो तुम्ही
तुम दूर मुझसे हो कहाँ
तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो
मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो
तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो
मेरी बांसुरी का गीत हो
मिट ना अगर मोहन गिरधारी
मिट ना अगर मोहन गिरधारी
राधा रानी पाटित कृतहारी
राधा रानी पाटित कृतहारी
राधा कृष्णा..राधा कृष्णा राधा..कृष्णा
राधा कृष्णा..राधा कृष्णा राधा..कृष्णा
राधा कृष्णा

Written by:
Vivek Kalolia, Traditional

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Mondal Jii

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