Mohammed Rafi, Asha Bhosle and Manna Dey - Cycle Pe Hasinon Ki Toli

ला ललल्ललला ला ललल्ललला ला ललल्ललला ला
होए होए
ला ललल्ललला ला ललल्ललला ला ललल्ललला ला
होए होए

साइकिल पे हसीनों की टोली देखि तो
देखि तो
देखि तो तबीयत यूँ बोली
ऐ काश के हम साईकल होते
इन हाथों में हैंडल होते
पैरों के तले पेडल होते
दबती उठ’ती सैडल होती
भरजा तू मुरादों की झोली
भरजा तू मुरादों की झोली
साइकिल पे हसीनों की टोली

साइकिल पे जवानों की टोली देखि तो
देखि तो
देखि तो तबीयत यूँ बोली
ऐ काश के हम संदल होते
सोडे की भरी बोतल होती
तब ठीक से तुम टैकल होते
सब झगडे अभी सेटल होते
पछताते के नीयत क्यूँ डोली
पछताते के नीयत क्यूँ डोली
साइकिल पे जवानों की टोली

सड़कों पे परेड ये फैशन की
इक शकल है इनविटेशन की
हा हा हा
हा हा ला ला ला ला ला
सड़कों पे परेड ये फैशन की
इक शकल है इनविटेशन की
गत कुछ भी बनाओ नेशन की
तुम जान हो उस जनरेशन की
जो दिल पे चलाती है गोली
जो दिल पे चलाती है गोली
साइकिल पे हसीनों की टोली
देखि तो तबीयत यूँ बोली
ऐ काश के हम साईकल होते
इन हाथों में हैंडल होते
पैरों के तले पेडल होते
दबती उठ’ती सैडल होती
भर जाती मुरादों की झोली
भर जाती मुरादों की झोली
साइकिल पे हसीनों की टोली

ओए होए
आआ आआ अ अ अ अ अ
ओए होए
आआ आआ अ अ अ अ अ
ओए होए
आआ आआ अ अ अ अ अ
ला लललला लल्ला ला

क्या बात है एजुकेशन की
हालत है ये सिविलाइज़ेशन की
हा हा हा
हा हा ला ला ला ला ला
क्या बात है एजुकेशन की
हालत है ये सिविलाइज़ेशन की
कुछ शर्म करो पोजीशन की
यूँ हम से जो कन्वर्सेशन की
करवाओगे खोपड़ियाँ पोली
करवाओगे खोपड़ियाँ पोली
साइकिल पे जवानों की टोली
देखि तो तबीयत यूँ बोली
ऐ काश के हम संदल होते
सोडे की भरी बोतल होती
तब ठीक से तुम टैकल होते
सब झगडे अभी सेटल होते
पछताते के नीयत क्यूँ डोली
पछताते के नीयत क्यूँ डोली
साइकिल पे जवानों की टोली

कुछ नाज़ अदा के रूल ब्ना रोमांसे के कुछ स्कूल बने
कुछ नाज़ अदा के रूल ब्ना रोमांसे के कुछ स्कूल बने

तपरी हैं हम क्यूँ टूल बने दिल दे के तुमने क्यूँ फूल ब्नाए
इस नींद ह्यूम समझो गोली इस नींद ह्यूम समझो गोली
साइकल पे जवानो की टोली
देखी तो देखी तो तबीयत यू बोली
आए काश के हम सेंडल होते सोडे की भारी बोतल होते
तब ठीक से तुम दखल होते सब झगड़े अभी सेट्ल होते
पचता आबे के नियत क्यू डॉली पचता आबे के नियत क्यू डॉली

साइकल पे हसीनो की टोली
देखी तो देखी तो तबीयत यू बोली
आए काश के हम साइकल होते इन हाथो मे हंडाल होते
पैरो के तले पैदल होते डबती उठी सैडल होते
भर जाती मुरदो की झोली भर जाती मुरदो की झोली
साइकल पे हसीनो की टोली

Written by:
Ravi, Sahir Ludhianvi

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Mohammed Rafi, Asha Bhosle and Manna Dey

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