Jagjit Kaur - Dil Se Uthta Hai

दिल से उठता है जाँ से उठता है
ये धुवाँ सा कहाँ से उठता है
ये धुवाँ सा

बैठने कौन दे है फिर उसको
हा आ बैठने कौन दे है फिर उसको
जो तेरे आस्ताँ से उठता है
जो तेरे आस्ताँ से उठता है

यूँ उठे आह उस गली से हम
यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
जैसे कोई जहाँ से उठता है
दिल से उठता है जाँ से उठता है

Written by:
Khaiyyaam, Mir Taqi (Traditional)

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Jagjit Kaur

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