Chitra Singh - Mera Dil Bhi Shauq Se Todo

मेरा दिल भी शौक से तोडो
मेरा दिल भी शौक से तोडो
एक तजुर्बा और सही
लाख खिलोने तोड़ चुके हो
लाख खिलोने तोड़ चुके हो
एक खिलोना और सही
मेरा दिल भी

रात है गम की आज भुजा दो
जलता हुआ हर एक चिराग
रात है गम की आज भुजा दो
जलता हुआ हर एक चिराग
दिल मे अंधेरा हो ही चुका है
दिल मे अंधेरा हो ही चुका है
घर मे अंधेरा और सही
मेरा दिल भी

दम है निकलता एक आशिक़ का
भीड़ है आ कर देख तो लो
दम है निकलता एक आशिक़ का
भीड़ है आ कर देख तो लो
लाख तमाशे देखे होंगे
लाख तमाशे देखे होंगे
एक नज़ारा और सही
मेरा दिल भी

खंजर लेकर सौंचते क्या हो
क़त्ल मुराद भी कर डालो
खंजर लेकर सौंचते क्या हो
क़त्ल मुराद भी कर डालो
दाग हैं सौ दामन पे तुम्हारे
दाग हैं सौ दामन पे तुम्हारे
एक इज़ाफ़ा और सही
मेरा दिल भी शौक से तोडो
एक तजुर्बा और सही
लाख खिलोने तोड़ चुके हो
एक खिलोना और सही
मेरा दिल भी

Written by:
JAGJIT SINGH, MURAD LUCKNOWI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Chitra Singh

Chitra Singh

View Profile