Prashant Kumar, Lata Mangeshkar and Kishore Kumar - Main Solah Baras Ki [LoFi]
तू कितने बरस का
तू कितने बरस की
मैं सोलह बरस की
तो मैं सत्रह बरस का
मिल ना जाएँ नैना
इक दो बरस ज़रा दूर रहना
इक दो बरस ज़रा दूर रहना
कुछ हो गया तो फिर न कहना
मैं सोलह बरस की
तू सत्रह बरस का
मैं सोलह बरस की
तू सत्रह बरस का
मिल ना जाएँ नैना
कुछ भी हो मुश्किल है दूर रहना
कुछ हो गया तो फिर न कहना
तू सोलहा बरस की
मै सत्रह बरस का
तू सोलहा बरस की
मै सत्रह बरस का
मिल ना जाएँ नैना
इक दो बरस ज़रा दूर रहना
कुछ हो गया तो फिर न कहना
परबत से घनघोर घटाएँ टकराएँ तो क्या हो
बरसात हो
तेरे दिल से मेरा दिल मिल जाए तो क्या हो
बारात हो
जाने कब बरसात हो जाने कब बारात हो
मेरा दिल तो चाहे आज की रात मिलन की रात हो
क्यों क्यों क्यों
क्यूकि तू सोलहा बरस की
मै सत्रह बरस का
तू सोलहा बरस की
मै सत्रह बरस का
मिल ना जाएँ नैना
इक दो बरस ज़रा दूर रहना
कुछ हो गया फिर न कहना
सच्चे प्रेमी सब मिलते हैं अब देखें हम कब मिलते हैं
मिलने में अब क्या मुश्क़िल है तेरी-मेरी इक मंज़िल है
दूर है वो नज़दीक नहीं है
अब ये मिलना ठीक नहीं है
क्यूँ क्यूँ क्यूँ
क्यूँकि
मैं सोलह बरस की
तू सत्रह बरस का
मैं सोलह बरस की
तू सत्रह बरस का
मिल ना जाएँ नैना
कुछ भी हो मुश्किल है दूर रहना
कुछ हो गया तो फिर न कहना
ओ इक ज़रा दूर रहना
कुछ हो गया तो फिर न कहना
मैं सोलह बरस की
मै सत्रह बरस का
मैं सोलह बरस की
मै सत्रह बरस का
Written by:
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
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