D.K. Verma - Khuda Bhi Aasman Se

खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

मुस्सबीर खुद परेशान है के यह तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा कभी खुश हो रहा होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

जमाने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों में लपेटा है
हुवा तुमसा कोई पहले ना कोई दूसरा होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

फरिश्ते भी यहा रातों को आ कर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव
जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पह क्या गुज़री यह वोही जानता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमान से

Written by:
Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

D.K. Verma

View Profile