D.K. Verma - Lagi Aaj Sawan Ki

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
वही आग सिने मे फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

कुछ ऐसे ही दिन थे वो जब हम मिले थे
चमन मे नही फूल दिल मे खिले थे
वही तो है मौसम मगर रुत नही वो
मेरे साथ बरसात भी रो पड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

कोई काश दिल पे ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ो को एक साथ रख दे
मगर ये है ख्वाबो ख़यालो की बाते
कभी टूट कर चीज़ कोई जुड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
वही आग सिने मे फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

Written by:
ANAND BAKSHI, SHIV HARI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

D.K. Verma

View Profile