Saket Mathur and Amol Kulkarni - Ek Ladki Bheegi Bhagi Si

हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

दिल ही दिल मे चली जाती हैं
बिगड़ी बिगड़ी चली आती हैं
दिल ही दिल मे चली जाती हैं
बिगड़ी बिगड़ी चली आती हैं
ढुँधलातीहुवी बलखाती हुवी
सावन की सुनी रातो मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी बेह्की बेह्की
डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी बेह्की बेह्की
मचलि मचलि घर से निकली
पगली सी काली रात मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो यह कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है हम्म्म

तन भीगा है सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तन भीगा है सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तन ती झुकती चलती रुकती
निकली अंधेरी रात मे
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो यह कोई बात है
हम्म्म इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातो मे जागी सी
मिली इक अजनबी से कोई आगे ना पिछे
तुम ही कहो ये कोई बात है

Written by:
MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Saket Mathur and Amol Kulkarni

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