Tripti Shakya, Traditional and Vishnu Narayan - Jai Saraswati Mata

ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता
सद्‍गुण वैभव शालिनी, सद्‍गुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता
ॐ जय सरस्वती माता

जय जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता
सद्‍गुण वैभव शालिनी, सद्‍गुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता

चंद्रवदनि पद्मासिनी
ध्रुति मंगलकारी मैया ध्रुति मंगलकारी
सोहें हंस सवारी, सोहें हंस सवारी
अतुल तेजधारी जय जय सरस्वती माता
बाएं कर में वीणा
दाएं कर में माला मैया दाएं कर में माला
शीश मुकुट मणी सोहें, शीश मुकुट मणी सोहें
गल मोतियन माला जय जय सरस्वती माता
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया
मैया उनका उद्धार किया
पैठी मंथरा दासी, पैठी मंथरा दासी
असुर संहार किया जय जय सरस्वती माता
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, बुद्धि प्रकाश भरो
मैया ज्ञान प्रकाश भरो
मोह, अज्ञान, तिमिर का मोह, अज्ञान, तिमिर का
सत्वर नाश करो जय जय सरस्वती माता
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो
माँ स्वीकार करो
ज्ञानचक्षु दे माता, ज्ञानचक्षु दे माता
सब गुण ज्ञान भरो जय जय सरस्वती माता
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें
जो कोई जन गावें
हितकारी, सुखकारी, हितकारी, सुखकारी
ज्ञान भक्ती पावें जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता
सद्‍गुण वैभव शालिनी, सद्‍गुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता ॐ जय सरस्वती माता

जय जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता
सद्‍गुण वैभव शालिनी, सद्‍गुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता जय जय सरस्वती माता

Written by:
Traditional

Publisher:
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Tripti Shakya, Traditional and Vishnu Narayan

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