Nandinii Roy - Raat Akeli Hai

रात अकेली है
बुझ गए दिये
आके मेरे पास
कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिये
आके मेरे पास
कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है

तुम आज मेरे लिये रुक जाओ
रुत भी है फ़ुरसत भी है
तुम्हें ना हो ना सही
मुझे तुमसे मुहब्बत है
तुम आज मेरे लिये रुक जाओ
रुत भी है फ़ुरसत भी है
तुम्हें ना हो ना सही
मुझे तुमसे मुहब्बत है
मुहब्बत की इजाज़त है
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिये
आके मेरे पास
कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये

सवाल बनी हुई
दबी दबी उलझन सीनों में है
जवाब देना था
तो डूबे हो पसीनों में
सवाल बनी हुई
दबी दबी उलझन सीनों में है
जवाब देना था
तो डूबे हो पसीनों में
ठनी है दो हसीनों में
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिये
आके मेरे पास
कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिये
आके मेरे पास
कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये

Written by:
MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Nandinii Roy

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