Sadhana Sargam and Mohammed Aziz - Dil Ki Jo Manu To

दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया हो

दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया

साथ मे तेरे दिन जो गुज़रे
ढूंड रही है उनको निगाहे

जहा मिलते थे हम तुम दोनो
सुनी सुनी है वो राहें

कैसे गुज़रेगी ये ज़िंदगी
ज़रा तुम भी ये सोचो कभी ओ

दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए

तेरा मिलना मिल के बिछड़ना
हर पल मुझको तडपाएगा

याद मे तेरी ये दिल मेरा
आसू बनके बह जाएगा

ये दर्दे जुदाई का ग़म
मुझको जीने ना देगा सनम ओ
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया ओ

दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया

Written by:
DILIP SEN, FAAIZ ANWAR, SAMEER SEN

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited

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Sadhana Sargam and Mohammed Aziz

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