Kavita Krishnamurthy and Abhijeet - Aa Gale Lag Jaa

जबसे नज़ारे मिली ओ मेरी जानेमन
हद से बढ़ने लगा मेरा दीवाना पन
यह मेरी आशिकी
तेरी दिवानगी
कल रहे न रहे आ गले लग जा
आ गले लग जा

जबसे नज़ारे मिली ओ मेरे जानेमन
हद से बढ़ने लगा मेरा दीवाना पन
यह तेरी आशिकी मेरी दिवानगी
कल रहे न रहे
आ गले लग जा
आ गले लग जा

जबसे तुम्हारा साथ मिला है
बेताबियों का इक सिलसिला है
देखूँ जिधर मैं आये नजर तू
हर आईने में चेहरा तेरा है
बातों की गर्मी सांसो की खुश्बू
बस में नहीं मैं
बस में नहीं तू
कैसे संभालूं खुद को बताओ
छाने लगा है प्यार का जादू
दिल की आवाज है
जो है बस आज है
कल रहे न रहे
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा

बढाती ही जाए यह बेक़रारी
तुमने चुरा ली नीन्दें हमारी
कटती है रातें करवट बदलके
हाँ एक जैसी है हालात हमारी
लैब चुप रहे तोह आँखों से कहना
मुश्किल है तुमसे अब्ब दूर रहना
इशारों में होंगी मोहब्बत की बातें
कुछ मैं कहूँगी कुछ तुम भी कहना
तेरे दीदार के
लम्हे ये प्यार के
कल रहे न रहे
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा

होंठ गुलाबी लगते है ऐसे
सूरह दहकते शोले हो जैसे
बहकी हुई है तेरी निगाहें
बाहों में जांम औ मैं कैसे
यह तन्हाई सर्द हवाएं
कैसे भला हम दिल को मनाये
जाने मुझे क्यों डर लग रहा है
कही बेखुदी में हम खो न जाए
ऐ मेरे हमसफ़र प्यार की यह डगर
कल रहे न रहे
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा
आ गले लग जा

Written by:
ANU MALIK, INDIVAR GAUHAR KANPURI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited

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Kavita Krishnamurthy and Abhijeet

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