Manhar Udhas, Kavita Krishnamurthy and Laxmikant Pyarelal - Prem Deewane
रु रु रु रु रु रु (रु रु रु हम्म हम्म हम्म)
आ,आ,आ,आ,आ,आ (रु रु रु)
दीपक पतंगे फूल और भवरे
दीपक पतंगे फूल और भवरे
तेरे मेरे से लाखो हज़ारो
कितने न जाने हो कितने न जाने
प्रेम दीवाने
दीपक पतंगे फूल और भवरे
दीपक पतंगे फूल और भवरे
तेरे मेरे से लाखो हज़ारो
कितने न जाने हो कितने न जाने
प्रेम दीवाने
दीपक पतंगे फूल और भवरे हां
दीपक पतंगे फूल और भवरे
कोई चकोरि कोई हैं चंदा
कोई चकोरि कोई हैं चंदा
कोई चकोरि कोई हैं चंदा
ये प्रेम ये प्रेम सब के गले का फंदा
हमने सुने है कितने फ़साने
उफ़ कैसे कैसे आये गए हैं
प्रेमी को रोने हो प्रेम को रोने
प्रेम दीवाने
दीपक पतंगे फूल और भवरे हां
दीपक पतंगे फूल और भवरे
सबको खबर क्या ये प्रेम क्या हैं
ये प्रेम क्या हैं
सबको खबर क्या ये प्रेम क्या हैं
ये प्रेम क्या हैं
हमने किया हैं हमने किया हैं
हमको पता हैं हमको पता हैं
हमको पता हैं
हा पागल ज़माना अब तक न जाना
आखिर शमा पे जल जाते है क्यों
ये परवाने हो ये परवाने
प्रेम दीवाने (प्रेम दीवाने)
दीपक पतंगे फूल और भवरे हां
दीपक पतंगे फूल और भवरे
आ,आ,आ,आ,आ,आ
एक दूसरे में खोए रहे हम
जागे हुए भी सोये रहे हम
एक दूसरे में खोए रहे हम
जागे हुए भी सोये रहे हम
कब चांद निकला
कब चाँद डूबा
हमको पता क्या सारे जहाँ से
हम बेगाने हो हम बेगाने
प्रेम दीवाने
दीपक पतंगे फूल और भवरे
तेरे मेरे से लाखो हज़ारो
कितने न जाने हो कितने न जाने
प्रेम दीवाने
प्रेम दीवाने प्रेम दीवाने
प्रेम दीवाने (रु रु रु रु रु हम्म हम्म हम्म आआ)
Written by:
ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
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